(परमिंदर बरियाणा) यहां के टांडा स्थित एक गांव में 21 अक्टूबर को 6 साल की बच्ची का रेप कर उसकी हत्या करने के बाद शव को जला दिया गया था। मामले में महज 8 दिन में जांच पूरी कर एडिशनल सेशन जज नीलम अरोड़ा की कोर्ट में टांडा के डीएसपी दलजीत सिंह खख और डीएसपी माधवी शर्मा ने शुक्रवार शाम को चालान पेश कर दिया। जब यह मामला बिहार के चुनाव में उठा तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी दिनकर गुप्ता ने यह दावा किया था कि 4 दिन में ही चालान पेश कर दिया जाएगा। हालांकि, फोरेंसिक रिपोर्ट की देरी की वजह से चार्जशीट पेश करने में 8 दिन का समय लग गया। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी बच्ची को ले जाते हुए साफ दिख रहा है। इस केस में पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरप्रीत को बनाया है, जबकि उसके दादा सुरजीत सिंह पर सबूत मिटाने का आरोप है। सुरप्रीत ने 35 मिनट में ही पूरी घटना को अंजाम दिया। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, 21 अक्टूबर को मूल रूप से बिहार के रहने वाले परिवार की 6 साल की बच्ची जब अपने घर में खेल रही थी, तब सुरप्रीत ने उसे बिस्किट दिलाने का झांसा देकर अपनी हवेली में ले गया। वहां बच्ची से रेप किया और बाद में
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